बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अंतर्गत जितने सेकेण्ड्री और हायर सेकेण्ड्री स्कूल आते हैं, उन स्कूलों को दो शिफ्ट में संचालित कराये जाने का प्रस्ताव है। इसके लिए सभी स्कूलों में आधारभूत संरचना में व्यापक बदलाव किया जाएगा।
बिहार बोर्ड ने दसवीं और इंटर की पढ़ाई को अलग-अलग प्रस्ताव तैयार किया है और उस प्रस्ताव को मानव संसाधन विकास विभाग को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। संभवत: वर्ष 2012 से स्कूल दो शिफ्ट में चालू हो सकता है।
100 वोकेशनल कोर्स भी होंगे लागू
यदि बिहार बोर्ड की प्रस्तावित योजना के तहत सब कुछ अनुकूल हुआ और मानव संसाधन विकास विभाग ने हरी झंडी दे दी, तो हायर सेकेंडरी स्कूलों में 100 वोकेशनल कोर्स को भी लागू किया जाएगा। इसके पहले स्कूलों में वोकेशनल कोर्स के लिए हर जरूरी आधारभूत संरचना को दुरुस्त किया जाएगा। हालांकि इसके लिए देश-विदेश के विशेषज्ञों की मदद से प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यहां बता दें कि वर्तमान में प्लस-टू यानी हायर सेकेंडरी स्कूलों में 25 वोकेशनल कोर्स लागू हैं, पर इस कोर्स के संचालन हेतु आवश्यक आधारभूत संरचना का घोर अभाव है।
खास बातें-(ग्राफिक में)
-वोकेशनल कोर्स को लागू करने में जर्मनी, इंग्लैंड और जापान से विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी
-बिजनेस आधारित एजुकेशन के महत्व को बढ़ावा मिलेगा
-सेल्फ फाइनेंस स्कीम को लागू करने की भी योजना
-पालीटेक्निक से ऊपर तथा आइआइटी से थोड़ा नीचे होगा वोकेशनल कोर्स का स्तर
बिहार बोर्ड ने दसवीं और इंटर की पढ़ाई को अलग-अलग प्रस्ताव तैयार किया है और उस प्रस्ताव को मानव संसाधन विकास विभाग को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। संभवत: वर्ष 2012 से स्कूल दो शिफ्ट में चालू हो सकता है।
100 वोकेशनल कोर्स भी होंगे लागू
यदि बिहार बोर्ड की प्रस्तावित योजना के तहत सब कुछ अनुकूल हुआ और मानव संसाधन विकास विभाग ने हरी झंडी दे दी, तो हायर सेकेंडरी स्कूलों में 100 वोकेशनल कोर्स को भी लागू किया जाएगा। इसके पहले स्कूलों में वोकेशनल कोर्स के लिए हर जरूरी आधारभूत संरचना को दुरुस्त किया जाएगा। हालांकि इसके लिए देश-विदेश के विशेषज्ञों की मदद से प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यहां बता दें कि वर्तमान में प्लस-टू यानी हायर सेकेंडरी स्कूलों में 25 वोकेशनल कोर्स लागू हैं, पर इस कोर्स के संचालन हेतु आवश्यक आधारभूत संरचना का घोर अभाव है।
खास बातें-(ग्राफिक में)
-वोकेशनल कोर्स को लागू करने में जर्मनी, इंग्लैंड और जापान से विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी
-बिजनेस आधारित एजुकेशन के महत्व को बढ़ावा मिलेगा
-सेल्फ फाइनेंस स्कीम को लागू करने की भी योजना
-पालीटेक्निक से ऊपर तथा आइआइटी से थोड़ा नीचे होगा वोकेशनल कोर्स का स्तर
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